Last updated: November 27th, 2025 at 11:47 am

पटना। बिहार में नए पर्यावरण एवं वन मंत्री के रूप में डॉ. प्रमोद कुमार चंद्रवंशी ने सोमवार को पदभार ग्रहण किया। पद संभालते ही उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं को स्पष्ट किया। मंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान को और प्रभावी ढंग से लागू करना उनकी पहली जिम्मेदारी होगी, ताकि राज्य में जल-संरक्षण, हरियाली बढ़ाने और प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास और मजबूत बनें।
जल-जीवन-हरियाली को नए वेग देने की तैयारी
डॉ. चंद्रवंशी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को देखते हुए बिहार में जल-संरक्षण और हरियाली विस्तार जरूरी है।
उन्होंने कहा— “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘जल-जीवन-हरियाली’ को धरातल पर और मजबूती से उतारना होगा। हर जिले में इसके परिणाम दिखें, यह हमारी प्राथमिकता है।”
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि तालाबों के संरक्षण, वर्षा जल संचयन, पौधरोपण और नदियों व जलाशयों के पुनरोद्धार से जुड़े सभी कार्यों की नियमित समीक्षा सुनिश्चित की जाए।
पर्यावरण संरक्षण पर सख्त रुख
मंत्री ने विभाग को पर्यावरण संरक्षण के प्रति अधिक जवाबदेह रहने को कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में अवैध बालू खनन, जंगलों की कटाई और पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा।
उन्होंने कहा— “प्रकृति से खिलवाड़ करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। वन क्षेत्र सुरक्षित रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।”
वन संपदा को बढ़ाने और निगरानी को मजबूत करने के निर्देश
डॉ. चंद्रवंशी ने वन विभाग से कहा कि नए पौधरोपण कार्यक्रमों को गति दी जाए और वन क्षेत्र का विस्तार वैज्ञानिक ढंग से किया जाए।
उन्होंने जंगलों की सुरक्षा, वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरणीय निगरानी के लिए आधुनिक तकनीक के उपयोग पर भी बल दिया।
जनभागीदारी को बताया जरूरी
मंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल विभाग का काम नहीं, बल्कि जनता की भागीदारी से ही यह मिशन सफल होगा। गांवों, स्कूलों और पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने की तैयारी भी विभाग ने शुरू कर दी है।
डॉ. चंद्रवंशी के पदभार संभालते ही विभाग में नई ऊर्जा दिखाई दे रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल-जीवन-हरियाली अभियान और पर्यावरण संरक्षण के प्रयास अब और तेज गति से आगे बढ़ेंगे।
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