Last updated: December 4th, 2025 at 03:08 pm
बिहार सरकार ने अगले पांच वर्षों में राज्य के युवाओं को रोजगार देने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इसका उद्देश्य न केवल बेरोज़गारी कम करना है, बल्कि युवाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना और राज्य की विकास गति को बढ़ावा देना भी है।
सरकार का लक्ष्य है कि 2025 से 2030 तक लगभग 1 करोड़ युवाओं को नौकरी या रोजगार उपलब्ध कराया जाए। यह केवल सरकारी नौकरियों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि निजी क्षेत्र, उद्योग, कौशल-आधारित रोजगार और स्वरोज़गार के अवसर भी शामिल होंगे। इससे युवाओं को ज्यादा विकल्प और अवसर मिलेंगे।
पिछले 20 वर्षों में लगभग 8 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है। वहीं पिछले पांच सालों में “Saat Nishchay-2” योजना के तहत लगभग 50 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर मिले। अब सरकार का लक्ष्य इसे दोगुना कर 1 करोड़ तक पहुँचाना है।
सरकार ने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए कई नई योजनाएँ बनाई हैं:
कौशल-विद्या की ताकत: नई कौशल विकास यूनिवर्सिटी युवाओं को तकनीकी और व्यावसायिक कौशल सिखाएगी, जिससे वे स्वरोज़गार या निजी क्षेत्र की नौकरी पा सकें।
*उद्योगों का विस्तार:राज्य में नए उद्योग और फैक्ट्रियाँ खोलने की योजना है। इससे न केवल रोजगार बढ़ेगा, बल्कि राज्य की आर्थिक गतिविधियाँ भी मजबूत होंगी।
सरकारी भर्ती में पारदर्शिता:भर्ती प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए एक भर्ती कैलेंडर और ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
बेरोज़गारी में कमी:युवा आसानी से रोजगार पा सकेंगे और आर्थिक दबाव कम होगा।
स्वरोज़गार और नई संभावनाएँ:कौशल आधारित प्रशिक्षण से युवा खुद की व्यवसाय या रोजगार शुरू कर सकते हैं।
आर्थिक मजबूती: निजी उद्योगों और सेवाओं के विस्तार से राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
युवाओं का पलायन रुकेगा: बाहर नौकरी खोजने वाले युवाओं को राज्य में ही रोजगार मिलेगा।
. 1 करोड़ रोजगार का लक्ष्य बहुत बड़ा है और इसे हासिल करना आसान नहीं होगा।
.निवेश और उद्योगों के लिए पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर, बिजली और पानी जैसी सुविधाएँ जरूरी हैं।
. युवाओं के पास आवश्यक कौशल होना चाहिए, इसलिए skill-training की गुणवत्ता सुनिश्चित करनी होगी।
.भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखना आवश्यक है ताकि भेदभाव या बाहरी दखल न हो।
बिहार सरकार का 1 करोड़ रोजगार देने का लक्ष्य महत्वाकांक्षी और सकारात्मक है। यदि इसे सही तरीके से लागू किया गया, तो बिहार के युवाओं को नौकरी, स्वरोज़गार और आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। कौशल विकास, उद्योगों का विस्तार और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया इस योजना की सफलता की कुंजी हैं।
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