Last updated: July 26th, 2025 at 02:41 am

Human Live News नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने अपने बुनियादी ढांचे को आधुनिक और तेज़ रफ्तार ट्रेन सेवाओं के अनुकूल बनाने की दिशा में ऐतिहासिक प्रगति की है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में जानकारी दी कि अब देश की 78.4% से अधिक रेलवे पटरियां 110 किलोमीटर प्रति घंटे (किमी/घंटा) या उससे अधिक की गति के लिए अपग्रेड की जा चुकी हैं।
रेल मंत्री द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2014 में केवल 39.6% ट्रैक ही इस गति के लिए सक्षम थे, जबकि 2025 तक यह आंकड़ा दोगुने से भी अधिक हो गया है। अब 56.6% ट्रैक 110 से 130 किमी/घंटा की गति के अनुकूल हैं, जबकि 21.6% ट्रैक 130 किमी/घंटा या उससे अधिक की रफ्तार को सहने में सक्षम हैं। वहीं, जिन ट्रैक की गति क्षमता 110 किमी/घंटा से कम थी, उनकी संख्या घटकर अब सिर्फ 21.6% रह गई है।
इस सुधार के पीछे रेलवे द्वारा अपनाई गई अत्याधुनिक तकनीकों और संरचनात्मक बदलाव हैं। इनमें 60 किलोग्राम के भारी रेल सेक्शन का उपयोग, चौड़े कंक्रीट स्लीपर, लंबे रेल पैनल, एच-बीम स्लीपर तथा स्मार्ट ट्रैक मेंटेनेंस तकनीकों को अपनाना शामिल है।
रेल मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि वंदे भारत ट्रेनों की प्रगति संतोषजनक है। ये अर्ध-उच्च गति ट्रेनें 180 किमी/घंटा की डिजाइन गति और अधिकतम 160 किमी/घंटा की संचालन गति के लिए बनाई गई हैं। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट का पहला प्रोटोटाइप सफल ट्रायल के बाद अब कमीशनिंग प्रक्रिया में है।
भारतीय रेलवे की यह पहल न केवल यात्रियों को तेज़ और सुरक्षित सफर देने की दिशा में मील का पत्थर है, बल्कि यह देश को तेज़गति रेल सेवा के युग में ले जाने की दिशा में भी बड़ा कदम है।
No Comments